तुम्हें देखकर मैं पिघल जाता हूँ ,
न जाने तुम दिल में बसने लगी हो ,
जैसे समुद्र में पानी हो ,
जैसे तुम किसी राजमहल की रानी हो ,
पता नहीं ।।
तुम्हारा दिल है कैसा !
बस मुझे इतना पता है कि ,
हमारा प्यार है
उस लैला मजनूँ जैसा ||
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भगवान ने दी है ,
ये अनमोल जिंदगी
मानो राम भगवान जैसा ।
ये दुनिया है कालों का ,दुष्टों का
रचते हैं षडयंत्र न जाने कैसा कैसा
सपना पुरी करना है खुदसे
कभी तुझसे कुछ नहीं है माँगा
बस एक मन्नत है मेरी
बना दे किसी से मेरी कुंडली
उस लैला मजनूँ जैसा ||
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