लैला मजनूँ जैसा

तुम्हें देखकर मैं पिघल जाता हूँ ,

न जाने तुम दिल में बसने लगी हो ,

जैसे समुद्र में पानी हो ,

जैसे तुम किसी राजमहल की रानी हो ,

पता नहीं ।।

तुम्हारा दिल है कैसा !

बस मुझे इतना पता है कि ,

हमारा प्यार है

उस लैला मजनूँ जैसा ||

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भगवान ने दी है ,

ये अनमोल जिंदगी

मानो राम भगवान जैसा ।

ये दुनिया है कालों का ,दुष्टों का

रचते हैं षडयंत्र न जाने कैसा कैसा

सपना पुरी करना है खुदसे

कभी तुझसे कुछ नहीं है माँगा

बस एक मन्नत है मेरी

बना दे किसी से मेरी कुंडली

उस लैला मजनूँ जैसा ||

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Suman choudhary

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